धर्म- समाज

“सूरत लिट्फ़ेस्ट 2024” में सदगुरु ऋतेश्वर महाराज ने जगायी सनातन की अलख

लिटरेरी फाउंडेशन द्वारा "भारत@2047" के द्वितीय संस्करण "सूरत लिट्फ़ेस्ट 2024" का आयोजन

सूरत। लिटरेरी फाउंडेशन द्वारा “भारत@2047” के द्वितीय संस्करण “सूरत लिट्फ़ेस्ट 2024” का आयोजन उधना-मगदल्ला रोड स्थित वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के कन्वेंशन हॉल में किया गया है।

आगामी 25 वर्ष बाद भारत अपनी स्वाधीनता का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तब 2047 में हमारा भारत कैसे होगा और हम इसको कैसा बना सकते है, इसका चिंतन करने के लिए इस कार्यक्रम में श्रोताओं के साथ वृंदावन धाम के सद्‌गुरु ऋतेश्वर महाराज, डॉ. भाग्येश झा सहित वक्ताओं ने अपने विचार रखें।

शुक्रवार 22 दिसंबर को वृंदावन स्थित श्री आनंदम धाम ट्रस्ट के पीठाधीश्वर ऋतेश्वर महाराज ने अपने प्रवचन में हिंदू संस्कृति व सनातन धर्म की संरक्षण की बात कही। उन्होंने वर्तमान शिक्षा पद्दति पर कटाक्ष करते हुए बहुसंख्यक हिंदू सनातनियों का अपना शिक्षा बोर्ड बनाने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि हम पूरी वसुधा को अपना कुटुम्ब मानते हैं। सनातन पर हमले कोई आज से नहीं हो रहे। इस पर हमले होने से कुछ नहीं बिगड़ता। केवल हिंदू की बात नहीं कर सकते। मैं राम राज्य चाहता हूं। क्योंकि रावण भी हिंदू था। तो क्या हम रावण राज्य भी चाहेंगे। राम राज्य होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मैं किसी दल का नहीं, मैं किसी मजहब का विरोध नहीं करता। आज राम मंदिर बन रहा है, बड़े आनंद की बात है। सद्गुरु ने श्रोताओं से कहा कि जीवन में सद्गुरु का मार्गदर्शन लेना चाहिए। वह आपको जीवन में सही दिशा दिखाएगा।

 

कार्यक्रम के बाद उत्तर भारतीय अग्रणी संजय राय, रामसिंह, नरेंद्रगिरी, मनोजगिरी सहित अग्रणियों महाराज का आशिर्वाद लिया।

 

 

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