
बाल रिव्यू एनईपी 2020 के तहत भारत के छात्रों ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दी प्रतिक्रिया
सूरत। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार भारत के बच्चे क्या सोचते है? इस पर गणतंत्र दिवस पर ऑनलाइन जूम पर कार्यक्रम हुआ। भारत के विविध राज्य के लगभग 26 छात्रों ने बाल रिव्यू एनईपी 2020 शीर्षक के तहत अपनी प्रतिक्रिया दी। पूरे कार्यक्रम का संचालन श्री वसिष्ठ विद्यालय के छात्र पटेल हेत्वी ने किया। सुनीता नंदवानी ने कार्यक्रम का समन्वय और मार्गदर्शन किया।
साथ ही स्कूल के चेयरमैन रमणिक डावरिया, निदेशक विजय डावरिया और रविभाई डावरिया, शैक्षिक सलाहकार और प्रेरक अध्यक्ष डा. परेश सवानी और वसिष्ठ विद्यालय, वाव के आचार्य मेहुल वाडदोरिया, प्राथमिक विभाग के आचार्य अश्विन करक के साथ सुनीता नंदवानी ने छात्रों के साथमाता पिता और और स्कूल टीम को बधाई दी।
दिल्ली से 5 वर्षीय अथर्व अरोरा ने बताया कि कैसे उनके मम्मी पापा स्कूल में भारी भरकम बैग ले कर जाया करते थे। और आज के दौर में अथर्व बिना बैग के स्कून जाते है एवं लैपटॉप पर पढ़ाई करते है और आने वाले समय में एनईपी 2020 उसे और आसान कर देगी। उन पे पढ़ाई का कोई प्रेशर नहीं है। हरियाणïा से 7 वर्षीय क्रियांश नारंग ने बताया कि खेलकूद में पढ़ाई, भई वाह, क्या पॉलिसी है।
चंडीगढ से 6 वर्षीय अमायरा सैनी ने बताया कि किस तरह उसके मम्मी पापा ने उसे वक्त दिया और उसे सरकार द्वारा इनटरोडयूस की गई एनईपी 220 के बारे में समझाया। बच्चों के लिए ये बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि बच्चे अपनी क्षेत्रीय भाष में पढ़ाई कर सकते है। उत्तरप्रदेश से 15 वर्षीय सारांश ने बताया कि एनईपी 2020 वो पॉलिसी है जिसके लिए ये जानना जरुरी है कि हम सबको पता है कि टमाटर एक फ्रूट है पर हम उसे फ्रूट सलाद में यूज नहीं कर सकते। मुंबई से जयम सोनगडा ने बच्चों की परिपूर्ण विकास की बात की।