भारत

कोमलता,वात्सल्य और स्नेहशीलता की प्रतिमूर्ति हीरा बा पंचतत्व में विलय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता हीराबा का स्वर्गवास हुआ।आज हीराबा को मुखाग्नि दी गई। अपने परिवार को विलाप करते हीराबा हमेशा हमेशा से दूर हो गई।अब परिवार उनकी स्मृतियों में ही याद करेगा।नरेंद्र मोदी का माता पर स्नेह ज्यादा रहा था। उनके साथ भोजन करना और माता के जन्म दिन पर उनके चरण पखार कर चरणामृत के रूप में आंखों से स्पर्श कराना आदर्श रहा है। गुणवान संतान की निशानी है। हीराबा के घर की आर्थिक विषमताओं और छोटे छोटे बच्चो का पालन पोषण करना मुश्किल काम था।माता ने कष्ट सहकर करके संतानों को बड़ा किया ।

भारतीय संस्कृति में माँ का महत्वपूर्ण स्थान है। माता ने अपनी संतान के लिए अनेको कष्ट सहकर उनका लालन पोषण किया। इस धरती को भी माँ की उपमा दी है। कहा गया है कि धरती भी हमारी माता है। हीराबा ने दारुण स्थिति में अपनी संतान को कष्ट सहन कर बड़े कीए।मोदी ने अपनी माँ की प्रसन्नता के लिए अपने कष्टों की परवाह नही की थी। हीराबा ने तन्मयता के साथ अपनी संतान को सुखी बनाने का प्रयत्न किया। हीराबा ने दूसरे के घर पर काम कर बच्चो का लालन पालन किया।हीराबा की तन्मयता के साथ सेवा भी की गई थी।सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री मोदी की व्यस्तता के बाद भी अपने माता का आशीर्वाद लेते रहते थे।माता के विचारों का सम्मान करते थे। हीराबा के निधन पर पूरे देश शोक मग्न है।

नारी क्या है? यह विचारणीय नही है,बल्कि विचारणीय यह है कि नारी क्या नही है। सद्गुणों की चर्चा में नारी पुरुष के आगे निकल जाती है। जितना त्याग नारी करती है। उसके मुकाबले पुरुष कितना त्याग करता है। जहाँ नारी का सम्मान होता है,वहा देवताओं का निवास होता है। मोदी की माता हीराबा का ही आशीर्वाद रहता था कि मोदी विश्व के नेता बनने में सफल हुए। माता के रूप में नारी की चर्चा करे तो सबसे पहले तो यही कहना होगा कि नारी माता के रूप में अपनी संतान की असहाय वेदना को भी सहन कर देती है। बच्चो का पालन पोषण कितनी विकट परिस्थितियों में किया गया। माता की बात कर उनके भूतकाल को उकेरा जाता था। तब मोदी भावुक होते देखे गए है। हीराबा ने गरीब परिस्थितियों में बच्चो को बड़ा करने के लिए जात मेहनत की थी। लेकिन स्वयं भूखा रहना स्वीकार था,लेकिन अपनी संतान को भूखा नही रहने देती। माता ने जगत की पहचान कराई तो मोदी प्रधानमंत्री बनकर माता का नाम दुनिया मे रोशन कर दिया।

हीराबा ने अपनी संतानों के लालन पालन जिस ममत्व के साथ अपनी अगलान भाव से सेवा की है। यह भी उनकी उदाहरता का अनुपम उदाहरण है। माता ने ममत्व लुटाकर उनका पालन पोषण किया है। इस कार्य के लिए,इस उदारता के लिए कोई उपमा नही है। ऐसे में उसकी दया,करुणा दृष्टव्य होती है। माता ने महान से महान व्यक्ति को भी जन्म दिया गया।

जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी

एक गृहणी के रूप में हीरा दामोदरदास मोदी परिवार में रहकर सेवा दी ।वह उनकी उदारता का अनुरूप उदाहरण है।उसकी उदारता सेवा भावना और कर्तव्य भावना में ही उसकी उदारता समाविष्ट है।हीराबा के स्वर्गवास के बाद राजनीतिक दलों के नेताओ सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों का शोक संदेश ट्विटर के माध्यम से दिया है।मोदी को हीराबा का आशीर्वाद हर शुभ काम मे फलता रहा है।कोई भी शुभ कार्य के पहले मोदी माताश्री का आशीर्वाद लेना नही भूलते थे।उनके हर सुख दुःख में सहभागी बन जाते थे ।पत्नी के रूप में नारी अपने पति को धर्मानुरागी बनाने का भी सुकाम करती है।

महाभारत में कहा गया है कि पत्नी के समान कोई बन्धु नही,कोई गति नही और आध्यात्मिक उत्थान में उसके समान कोई सहायक नही है। उसकी उदारता ही उसे महामंडित करती है। एकशासिका के रूप में हम नारी को देखते तो स्वीकार किया जा सकता है कि वह शासिका के रूप में कठोर तो हो सकती है,किन्तु उनका क्रूर रूप देखने को नही मिलता है। नारी ह्दय सेवा,दया और करुणा से आपूरित रहता है। सद्गुणों के कारण उदारता उसका एक अन्य अवश्यंभावी गुण बन जाता है। उदारता के लिए वह अनुदार नही बन सकती।मोदी ने अपने वचन का निर्वाह करने हेतु संकटो को झेला।इसी भावना से मोदी ने अपने और अपने माता पिता का नाम रोशन कर दिया।

शोक संतप्त मोदी ने पश्चिमी बंगाल को दी सौगात

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुःख की घड़ी में भी अपने कर्तव्य से विमुख नही रहे । वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मोदी ने कोलकाता में वन्दे मातरम ट्रेन को हरी झड़ी दिखाकर उसे देश को समर्पित किया। मोदी ने पश्चिमी बंगाल को नमन कर माफी भी मांगी कि किसी निजी कारण से नही आ सका। इस पर पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी को आराम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मोदी की माता हमारी माता है। मोदी ने कहा कि जिस धरती से वन्दे मातरम का जयघोष हुआ है। वही से वन्दे मातरम ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई है। हीराबा में क्षमा का गुण रूप से रहा है। वो ही गुण मोदी में विधमान है।राजनीतिक फील्ड में मोदी के बारे में अनेक टिप्पणिया होती है ,रोज होती है,लेकिन कभी उन्होंने पलटवार नही किया है।

गुजरात चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की हीराबा पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। वे राजनीति से ही कट गए थे।लेकिन माताए सम्मानित होती है।वे भूल जाते है कि उनका जन्म भी किसी माता की कोंख से ही हुआ है।माताओं का व्यक्तित्व गरिमामय है।उनका बहुआयामी व्यक्तिव पूजनीय है। उसके त्याग और बलिदान की गाथाएं बहुप्रचलित है। उसे अपमानित करना स्वयं को अपमानित करना है। नारी में पुरुषों की अपेक्षा विशेष गुण होते है।अपने इस विशेष गुणों के कारण ही कई बार असम्भव को संभव कर दिखाया है। कोमलता ,वात्सल्य की मूर्ति हीराबा के निधन पर श्रदांजलि और मोदी सहित परिवार को दुःख सहन करने की भगवान हिमत प्रदान करे।

( कांतिलाल मांडोत )

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