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हृदयांगन संस्थापक विद्यावाचस्पति विधुभूषण साहित्य को समर्पित
मुंबई। साहित्यिक,सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राष्ट्रीय संस्था हृदयांगन के संस्थापक अध्यक्ष विद्यावाचस्पति विधूभूषण त्रिवेदी पूर्ण रूप से साहित्य सेवा हेतु समर्पित हो चुके हैं। उनकी साहित्यिक यात्रा पूरे प्रदेशों में अनवरत चलती रहती है।
साहित्यिक सेवा का एक दृश्य सामने देखने को मिला कि संस्था की देहरादून अध्यक्षा श्रीमती विद्युत प्रभा चतुर्वेदी मंजू द्वारा लिखित पुस्तक ‘ समर्पण के स्वर ‘ पुस्तक की एक प्रति को स्वयं संस्थापक अध्यक्ष विधुजी ने युवा साहित्यकार रजत त्रिपाठी (सचिव लेखा ऑडिट) को समर्पित कर संस्था का एवं विद्युत प्रभा चतुर्वेदी की लेखनी का मान बढ़ाया है। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी विनय शर्मा दीप ने बताया कि इस समर्पण की भावना से हृदयांगन संस्था और भी गौरवान्वित हुई है।